साजिश (अ थ्रिलर स्टोरी) एपिसोड 28
सड़क में बहुत बड़ी दुर्घटना के बाद एक भीड़ वहां उमड़ने लगी थी। एक ट्रक खड़ी थी जिससे कार की भयानक टक्कर हुई थी। कार का बोनट बिल्कुल मसल गया था और शीशे चकनाचूर हो चुके थे। बताया जा रहा है कि कार में सवार लोगो की मौके पर मौत हो गयी है और ट्रक ड्राइवर को पब्लिक घेर कर खड़ी है। हालांकि वो अब भी अपनी गलती मानने से इनकार कर रहा है। उसका कहना है कि एक कार बहुत तेजी से उसके आगे आ चुकी थी जिस वजह से उसे बहुत तेजी से पावर ब्रेक का इस्तेमाल करना पड़ा और अचानक ब्रेक लगने से पीछे से आ रही गाड़ी ट्रक से टकरा गयी। और आगे से जा रही गाड़ी फरार हो गयी, उसकी स्पीड लगभग 70km/h थी और लहराते हुए जा रही थी, जबकि ट्रक ड्राइवर 80km/h की रफ्तार में अपनी लेन में चल रहा था।
ड्राइवर की बात सुनकर बुरी तरह खून से सने हुए कपड़ो में एक शख्स फिर से बाइक को किक से स्टार्ट करते हुए तेजी उस तरफ चल पड़ा।
इस वक्त उस गाड़ी में रोशनी के हाथ बांध दिए गए थे और ड्राइवर अब ठीक तरह से गाड़ी चला पा रहा था। रोशनी अब खुद को बचाने के लिए कुछ भी नही कर पा रही थी। उसे भी लगने लगा कि शायद अब जिंदगी अपने अंतिम पड़ाव पर है। उसके बाद उसकी माँ का क्या होगा? ना ही दीपक बच पायेगा ना मैं। माँ का ख्याल कौन रखेगा? कही ये लोग उसे भी परेशान तो नही करेंगे।
रोशनी सोचते हुए अपनी आंखों को भिगाये जा रही थी तभी ड्राइवर ने पीछे बैठे आदमी से कहा- "अरे भाई! वो आ गया"
इतना सुनते ही पीछे बैठे आदमी ने पीछे मुड़कर देखा तो उसे एक बाइक में बहुत तेज आता है राहुल दिखा।
"इसे उन्होंने छोड़ दिया क्या? गाड़ी तेज भगाओ, फ़ास्ट…." आदमी ने कहा और खुद मोबाइल हाथ मे लेकर उन लोगो मे से किसी एक को फोन किया जिन्हें वो राहुल के पास छोड़कर आये थे।
दो नम्बर लगातार डायल किया लेकिन किसी ने नही उठाया । फिर किसी और को फोन मिलाते हुए ड्राइवर को डांटते हुए बोला- "तू पीछे मत देख, बस आगे ध्यान दे और तेज चला"
रोशनी बार बार पीछे मुड़ रही थी। और जब उसने बाइक पर दीपक को देखा तो उसके चेहरे की सारी उदासी गायब हो गयी। और खोया हुआ यकीन वापस आ गया। हालांकि वो बुरी तरह घायल था और कपड़े उसके खून से सने हुए थे, फिर भी वो बाइक को ऐसे भगा के ला रहा था जैसे सड़क बिल्कुल खाली होगी। रोशनी को डर भी लग रहा था कहीं दीपक गिर ना जाये।
बाइक कार के नजदीक आयी और कार वाले ड्राइवर की पिस्टल तानते हुए उसे गाड़ी रोकने का इशारा करने लगा।
"तू भगा यार! तेज चला, ठोक दे साले को, उसकी तरफ गाड़ी ले जा" पीछे बैठा आदमी लगातार ड्राइवर पर अपना दबदबा बना रहा था। और बाइक को टक्कर मारने को कह रहा था। कार जितनी बाइक की तरफ जा रही थी बाइक उतना दूर हो रही थी। गोली भी कैसे चलाता क्योकि उसमे रोशनी भी बैठी थी इसलिए वो ड्राइवर पर गोली नही चला रहा था। रोशनी अंदर बैठी बार बार दीपक दीपक चिल्ला रही थी। बगल में बैठा आदमी उसके मुंह को बंद कर रहा था और उसकी आनाकानी करने पर थप्पड़ भी मार रहा था।
तभी एक गोली चली जिसने पहले शीट की खिड़की पर सुराख करते हुए ड्राइवर बहुत पास से गुजरकर सामने फ्रंट शीशे पर भी अपना निशान छोड़ा और पार हो गयी। ड्राइवर ने डरते हुए गाड़ी एक साइड करते करते अचानक ब्रेक लगाया लेकिन बाइक यहां धोका खा गई और बहुत आगे जाकर ब्रेक मारते हुए फिसल गई।
बाइक को गिरते देख रोशनी की चीख निकल गयी, अब कार ड्राइवर ने दोबारा कार स्टार्ट कर ली और भागने की कोशिश करने लगा। तभी उसकी गाड़ी के एक पहिये का पटाका बजा, क्योकि जमीन पर लेटे हुए ही राहुल ने उसपर गोली चला दी और फिर उठकर अपने कपड़े झाड़ते हुए गाड़ी की तरफ बढ़ गया। गाड़ी के पास जाते हुए उसने बंदूक अपने कमर में डालते पिछले शीट का दरवाजा खोला और रोशनी को पकड़कर बैठे हुए आदमी को खींचते हुए बाहर निकालकर सड़क पर पटक दिया। अंदर रोशनी की दूसरी तरफ बैठा आदमी जी अब तक फोन हाथ मे पकड़े था उसका फोन बज रहा था। वो उन्ही लोगो का था जो राहुल की पिटाई करने कर रहे थे।
फोन उठाकर स्पिकर पर डालते हुए उसने रोशनी को छोड़ा और दूसरी तरफ का दरवाजा खोलकर बाहर आ गया। साथ ही ड्राइवर भी बाहर आया।
"भाई उसने हम सबकी बहुत पिटाई की, अब वो तुम्हारे पीछे भी आएगा, जल्दी से भाग जाना, उसने हमसे गाड़ी का नम्बर उगलवा लिया था और एड्रेस भी।"
"और तुमने बता भी दिया"
"तभी जिंदा है" फोन से आवाज आई।
"तो पहले बताता ना, अब तो आ गया वो" आदमी बोला ही था कि उसने खून से लथपथ उस खूंखार आदमी को अपनी तरफ आते हुए देखा। डर से हाथ से मोबाइल नीचे छूट गया। लेकिन खुद पर थोड़ा भरोसा उसे भी था उसने तुरन्त एक्शन लेते हुए खुद को तैयार किया और एक मुक्का उसे मार दिया। और घुसा मारते हुए एक हाथ से उसका गला पकड़ लिया। राहुल ने एक झटका दिया और उसका हाथ छुड़ाने के लिए उसके हाथ पर कोहनी से जोरदार वार किया। तभी पीछे से ड्राइवर ने आकर उसे पकड़ लिया और जिसे सबसे पहले सड़क पर गिराकर मारा था वो भी उठने लगा। राहुल ने उसे दोबारा लात मारी और पीछे से पकड़ने वाले बदमाश का सिर अपनी दोनो हथेली के बीच मे कसते हुए प्रेसर डालने लगा। फिर एक बार दोनो हाथ हवा में ले गया और दोबारा उसके बालों को पूरी ताकत से खींचने लगा, ड्राइवर की तो चीख ही निकल आयी, सामने से बदमाश ने राहुल को पकड़ा हुआ होंने का फायदा उठाने की कोशिश की तो राहुल ने उसे लतियाते हुए दूर धकेल दिया। पीछे से पकड़ा हुआ बदमाश बहुत जिद्दी लग रहा था, उसने राहुल का पेट पकड़ा हुआ था जिसे वो छोड़ने का नाम ही नही ले रहा था। इस बार राहुल ने उसकी दोनो कलाई को पकड़कर उसकी दसों उंगलियों के बंधन तोड़ने की कोशिश की लेकिन बहुत मजबूती से बांध रखी थी। इस बार राहुल ने थोड़ी कोशिश करनी छोड़ दी और मार खाने लगा। क्योकि अब लोग इकठ्ठा होने लगे थे।
धीरे धीरे भीड़ होने लगी, शुरू शुरू में लोग इग्नोर करके जा रहे थे, क्योकि इस टाइम पर अधिकांश शराबियों का झगड़ा होता था। और सब यही सोचकर रुक नही रहे थे। लेकिन कुछ दयालु लोगो ने रुकना शुरू किया और भीड़ बढ़ने लगी।
कुछ लोग वीडियो बनाते हुए रिपोर्टर बनने लगे। तो कुछ ब्लॉगर। हां एक बुजुर्ग हट्टा कट्टा आदमी आया और उन्हें रोकने की कोशिश करते हुए बोला- "क्यों मार रहे हो उसे?"
रोशनी ने देखा कि अब भीड़ बढ़ने लगी है तो वो गाड़ी से बाहर आई और खुद भी अपने दीपक को छुड़ाने की कोशिश करने लगी।
"तू हठ बुड्ढे" एक बदमाश बोला।
एक आदमी थोड़ी दूर खड़ी गिरी हुई बाइक को देखकर अनुमान लगाते हुए बोला- "लगता है कार वाले ने बाइक ठोक दी, अब बाइक सवाल उसे पीट रहे है,ये पुलिस केस है। "
उसे ये लगा कि जिसे मार पड़ रही है वो और लड़की कार में आ रहे थे और ये तीन लोग बाइक में, और कार वाले कि गलती होगी तभी उसे मार रहे है।
भीड़ के बढ़ने पर उन तीनों बदमाशों को खतरा लगने लगा वो लोग एक दूसरे को इशारा करते हुए भागने की प्लानिंग करने लगे।
इससे पहले की वो भागते वहां पुलिस आ पहुंची, हालांकि भीड़ देखकर ट्रैफिक पुलिस आयी थी। उन तीनों से राहुल को छुड़ाते हुए उन्होंने सबको वही खड़े रहने को कहा। लेकिन उन बदमाशो में से एक भागने लगा जिसे वहां खड़ी भीड़ ने जाने नही दिया।
राहुल ने अब थोड़ी सांस ली और तीनों को पकड़कर रखने को कहा जब तक को पुलिस नही आ जाती, साथ ही तीनो के पास से उनके मोबाइल और उनकी आई डी प्रूफ ट्रैफिक पुलिस को सौंपते हुए बताया- "सर्ये कोई एक्सिडेन्ट केस नही है, ये किडनैपिंग और जान से मारने की कोशिश वाला केस है। इसलिए इन्हें पुलिस के हवाले करना जरूरी है। और अभी मेरा और रोशनी का यहां से जाना भी जरूरी है, हम कल सुबह मिलते है थाने में, जल्दबाजी दिखाते हुए राहुल बाइक की तरफ बढ़ा तो ट्रैफिक पुलिस ने उसे रोकते हुए कहा- "तुम भी कहीं नही जा सकते, जब तक रिपोर्ट नही लिखी जाती और ये लोग दोषी और तुम निर्दोष नही साबित होते तब तक कोई कहीं नही जाएगा।
"प्लीज सर…. मैंने खुद इंस्पेक्टर साहब से बात कर रखी है, मैंने इन लोगो के खिलाफ रिपोर्ट लिखाई है और इनका दोषी होना भी साबित हो चुका है, बस अरेस्ट करने है। इससे पहले इनको अरेस्ट करने की ख़बर कहीं पहुंचे हमे जल्दी से जल्दी अपने असली मकसद तक पहुंचना है, प्लीज मत रोको"
राहुल ये सब इसलिए बोल रहा था क्योकि अमित का एड्रेस अभी वो जानता था लेकिन अगर अमित को पता लग गया कि उसके ये गुंडे गिरफ्तार हो गए तो वो फरार हो जाएगा ,इसलिए इस खबर के फैलने से पहले वो उनके अड्डे में जाना चाहता था, लेकिन पुलिस अपनी जिद पर अड़ी थी।
"रूल इज रूल, हम अभी तुम्हे कहीं नही जाने देंगे।" पुलिस वाले ने कहा।
कहानी जारी है
Fiza Tanvi
27-Aug-2021 05:42 PM
बेहतरीन part 💐💐
Reply
Sana khan
27-Aug-2021 12:19 PM
Nice
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Miss Lipsa
27-Aug-2021 04:44 AM
Nice....🤩
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